क्या आप भी Bitcoin में निवेश करने का बना रहे प्लान, तो जानिए यहां क्या करें…?

तो दोस्तो आज हम ये जानते कि Bitcoin में इन्वेस्ट करना सही रहेगा कि नहीं और अगर सही है तो आप खुद safely कहां इन्वेस्ट कर सकते हैं। क्योंकि दोस्तो आपमें से बहुत लोग मुझे पूछते हैं की क्या हमें बिटकॉइन में इन्वेस्ट करना चाहिए? क्योंकि आपने इसका प्राइज देखा होगा कि किस तरह इतने कम टाइम में ऊपर गया है और कुछ लोग बोल रहे हैं कि ये तो भी शुरूआत है। तो इससे पहले कि हम ये जानें कि इसका फ्यूचर क्या होगा। हमें ये जानना होगा कि ये बिटकॉइन इंवेल्ट किसलिए किया गया था। क्योंकि ये एक साथ दो प्रॉब्लम सॉल्व करने की कोशिश कर रहे है।

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Bitcoin का आविष्कार क्यों किया गया था?

एक ही मीडियम ऑफ एक्सचेंज यानी करंसी और दूसरा स्टोर ऑफ वैल्यू यानी इनवेस्टमेंट। क्योंकि फिलहाल हम रुपीस को मिनिमम एक्सचेंज की तरह यूज करते है लेकिन इसमें हम इनवेस्ट नहीं करते। क्योंकि हमें पता है कि पैसों की वैल्यू गिरती रहती है। तो ये करंसी एक खराब इनवेस्टमेंट होता है।

तो इसीलिए लोग स्टॉक्स में, रियल इस्टेट में या गोल्ड में इन्वेस्ट करते हैं, लेकिन हम इन्हें मिनिमम एक्सचेंज के हिसाब से यूज नहीं करते। क्योंकि अगर आप मार्केट में जाएंगे और आपको कोई भी चीज बाय करना है तो रिलायंस के शेयर से पेमेंट नहीं करते हो। तो ये सब इनवेस्टमेंट है लेकिन करंसी नहीं है, लेकिन Bitcoin के दोनों प्रोग्राम एक साथ सॉल्व करने की कोशिश कर रहां है।

Mixed opinions For Bitcoin

दोस्तों, इसीलिए इसके डबल यूजफुलनेस की वजह से लोग बिटकॉइन को लेकर कन्फ्यूज हो रहे कि इसका फ्यूचर क्या होगा। एकतरफ कुछ लोग बिटकॉइन को यूजलेस कह रहे है जैसे वॉरेन बफेट, राकेश झुनझुनवाला, नसीम तालिब जो कहते हैं कि इसकी वैल्यू जीरो होनी चाहिए और कुछ लोग इसे सपोर्ट कर रहे हैं। जैसे एलोन मस्क, रिचर्ड ब्रैनसन, नोबल रविकांत तो इससे पहले कि हम यह पता लगाएं कि कौन सही और कौन गलत। हम एक न्यूट्रल माइंडसेट से दोनों साइड के संवाद सुन लेते है।

Bitcoin Disadvantage 1: कोई आंतरिक मूल्य नहीं

तो जो लोग बिटकॉइन के खिलाफ है वो कहते हैं कि इसकी कोई इंटरेस्ट वैल्यू नहीं होती। आप इसे गोल्ड की तरह पहन नहीं सकते, ना रियलिस्टिक की तरह इसमें रह सकते हैं और ना ही ये स्टॉक्स की तरह आपको डिविडेंड पे करते है तो हम ये पता लगा ही नही सकते हैं कि ये सस्ता बीक रहा है या महंगा और इसी वजह से इसका दूसरा Disadvantage ये है कि ये बहुत ज्यादा उपर नीचे होता रहता है।

Bitcoin Disadvantage 2: बहुत अस्थिर

कभी कभी ये एक ही दिन में 20% गिर जाता है और 20% ऊपर जाता है। जैसे दिसम्बर 2017 में एक बिटकॉइन का प्राइस 14 लाख था और फिर उसके एक साल बाद इसका प्राइस 2.5 लाख का हो गया। मतलब यह कि साल में इसकी वैल्यू 80 % नीचे गिरी।

इमेजिन करो आपने इसमें 1 लाख रुपए इन्वेस्ट किया तो आपके पास सिर्फ 20 हजार बचते है और फिलहाल ये 26 लाख के ऊपर है। मतलब तीन साल में ये 10 गुना ऊपर चला गया है। मतलब इसमें अगर आप 10 लाख इन्वेस्ट करते हो तो वो सिर्फ 3 साल में 1 करोड़ बनता है। तो इसकी ज्यादा वोलैटिलिटी की वजह से इसको बहुत ही रिस्की कहा जाता है।

Bitcoin Disadvantage 3: बहुत अधिक बिटकॉइन

इसका तीसरा और सबसे इंटरेस्टिंग रिस्की है कि ये बिटकॉइन इकलौता क्रिप्टो करेंसी नहीं है। हमारे पास हजारों क्रिप्टो करंसी मार्केट में अवेलेबल है और अगर आप चाहो तब खुद का क्रिप्टो करंसी लॉन्च कर सकते हो। तो कल कौन सी Currancy अच्छा करेगी ये चीज लोग पता नहीं लगा पा रहे है।

Bitcoin Disadvantage 4: अनियमित

इसका चौथा disadvantage ये है कि इसमें कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी नहीं है जो इसे रेगुलेट कर सकती है। तो इसीलिए इसे इनलीगल ऐक्टिविटी के लिए यूज किया जा सकता है और यही रीजन की वजह से RBI ने 2018 में इसे बैन किया था। लेकिन ये एक बहुत ही सिली रीजन था।

क्योंकि दोस्तों कोई भी न्यू टेक्नॉलजी के एडवांटेज भी होगी और डिसएडवांटेज भी होगी। जैसे जब इंटरनेट एक न्यू टेक्नॉलजी थी तो लोग उसे यूज करने से डरते थे। लोग नेट बैंकिंग से पैसा ट्रांसफर भी नहीं करते थे, यह सोच के कि अगर किसी और के बैंक में गलती से पैसा चला गया तो क्या होगा। हम किसकी कॉलर पकड़ेंगे लेकिन लोग उसका एडवांटेज नहीं देख रहे थे की इससे हमारी लाइफ कितनी आसान हो सकती है।

Bitcoin Advantage 1: पहले से ही पैसे के रूप में उपयोग किया जाता है

अब दोस्तों आप थोड़ी सी रिसर्च करोगे तो आपको पता चलेगा कि बहुत सारी यूएस कंपनीज बिटकॉइन से पेमेंट एक्सेप्ट कर रही हैं और एक कंट्री ने तो ऑफिशली इसको एक्सेप्ट कर लिया है करंसी के रूप में। तो इसीलिए ये टेक्नॉलजी काम कैसे करती है यह जानना शायद ईतना जरूरी नहीं होगा।

क्योंकि हम रोज डेबिट कार्ड यूज करते है। कोई आदमी जब SBI का डेबिट कार्ड एक एक्सिस बैंक के एटीएम में यूज करेगा तो उसकी पीछे की टेक्नॉलजी काम कैसे करती है ये शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा। तो इसीलिए अगर ये बिटकॉइन सक्सेसफुल होता है तो आने वाली जेनरेशन यानी हमारे बच्चे इसे जानने की कोशिश भी नहीं करेंगे कि ये काम कैसे करती है। बस एक दूसरे को देखकर लोग इसे यूज करेंगे।

Bitcoin Advantage 2: हम मूल्य निर्धारित करते हैं

जब बात आती है इसकी वैल्यू की तो किसी भी चीज़ की वैल्यू इनक्रीज होने के लिए पूरी दुनिया के हर एक लोगो को उसपे सहमत होने की जरूरत नहीं है। जैसे वारेन बुफे गोल्ड को यूजलेस मानते है लेकिन क्या गोल्ड एक्चुअल में यूजलेस है? उनके लिए शायद हो सकता है लेकिन गोल्ड तो आज भी महेंगे प्राइस में बिकता रहता है या फिर इस सिंपलसी बॉल के लिए आप में से कुछ लोग 200 रूपये करेंगे या कुछ लोग 500 रूपये देने के लिए रेडी होगे। लेकिन ये एक ऑक्शन में 37 मिलियन डॉलर्स में सेल हुआ।

तो इसका प्राइस ईतना इंक्रीज हुआ कैसे? क्या इसकी कोई इंट्रेस्टिंग वेल्यू थी?

तो इसी लिए जो लोग बिटकॉइन को सपोर्ट करते है वो लोग ये कहते है कि प्राइस को सेट करने वाले हम लोग खुद होते है। जब कोई चीज लिमिटेड होती है और उसकी डिमांड ज्यादा होता है तो डिमांड और सप्लाई के Law के हिसाब से प्राइस बढ़ता है। तो जब आप बिटकॉइन खरीदते हो तो आप भी एक ऑप्शन मार्केट से उसे बाय करते हो और ये बिटकॉइन भी लिमिटेड है।

जिसने इसे इन्वेन्ट किया था उसने इसकी लिमिट सिर्फ 21 मिलियन की रखि है। फिर दोस्तों जहा बात आती है हजारों क्रिप्टो करेंसी की कि फ्यूचर में कौनसा grow होगा तो यहां पे नेटवर्क इफेक्ट बिटकॉइन की हेल्प कर सकता है।

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Bitcoin Advantage 3: नेटवर्क प्रभाव

अब आप पूछोगे कि ये नेटवर्क इफेक्ट क्या होता है? तो दोस्तो आप सभी लोग व्हाट्सएप जरूर यूज करते होंगे। जो एक सिंपल सा मोबाइल ऐप है लेकिन बहुत ही यूजफूल है। अब मुकेश अंबानी या कोई भी दूसरा बिजनेसमैन थोड़ा सा पैसा स्‍पेंड करके सेम टू सेम ऐप बनवा सकता है।

इससे अच्छा मोबाइल ऐप भी बनवा सकता है, लेकिन प्रॉब्लम ये कि वो इतना पॉपुलर नहीं हो सकता। क्योंकि हमारे सारे फ्रेंड्स पहले से ही व्हाट्‍सएप पर रजिस्टर्ड हैं और अगर एक नया ऐप सेम टू सेम फीचर लेकर आ रहे तो लोग उसे यूज़ क्यों करेंगे।

तो भले ही आप यूज कर लोगे या आपके कुछ फ्रेंड्स यूज कर लेंगे लेकिन सब लोग उसे एक्सेप्ट नहीं करेंगे जब तक उसके लिए कुछ स्पेशल और यूनीक फीचर नहीं होगा तब तक वो इतना पॉपुलर नहीं हो सकता।

तो इसको हम फर्स्ट मूवर एडवांटेज भी कहते है। तो whatsapp इतना वैल्यूएबल इसीलिए है क्यूंकि सब लोग उसे यूज करते है। उसके सॉफ्टवेयर में इतनी वैल्यू नहीं है। वो तो कोई भी बना सकता है। वैल्यू उन लोगो में जो उसे यूज़ करते और व्हाट्सएप्प ने उसे अचीव किया क्यूंकि वो सबसे पहला था।

तो इसी तरह आज अगर बिटकॉयन बाकी सारी Crypto Currency के मुकाबले सबसे ज्यादा यूज करंसी है और जब सब लोग बिटकॉइन से ही पेमेंट एक्सेप्ट करने लगेंगे तो चांस से कि फ्यूचर में नेटवर्क इफेक्ट इसकी मदद करेगा और ये कंटीन्यू से ग्रो होता रहेगा।

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